HBSE Unit 3- Introduction of Internet in Hindi

HBSE Unit 3-Introduction of Internet in Hindi

Hello Friends! Today we will learn about Internet in Hindi. This unit covers the syllabus of Haryana Board of School Education(HBSE). It covers the Unit 3 of Class 10 HBSE. It is very easy to understand and learn Internet in this page in Hindi. Read the complete page to cover all the concepts of Internet in Hindi. Notes of others Units of HBSE class 10 are also attached at the end of the page.

इंटरनेट क्या है -What is Internet:-

इंटरनेट बहुत सारे Networks का ऐसा जाल है जो पूरे World के Computers को एक दूसरे से जोड़ता है और दुनियाभर के कंप्यूटर में नेटवर्क का आदान प्रदान करता है ।

Internet का फुल फॉर्म Inter-Networking होता है और इसे हिन्दी में “अंतरजाल” कहा जाता है जिसका मतलब  Networks का ऐसा जाल होता है जिससे बहुत सारे Computers को आपस में जोड़ा जा सके । आज हम लगभग बहुत तरह के कामो को करने के लिए Internet पर निर्भर हो गए है।

History of Internet:

इंटरनेट का आविष्कार अमेरिकी सेना के लिए किया गया था।साल 1969 में Arpanet मतलब (Advance Research project Agency) नाम का Networking Project लॉन्च किया गया था।यह शुरुआत में चार कंप्यूटर को जोड़कर बनाया गया था। इसके बाद जब इंटरनेट ने सही तरह से कार्य करना शुरू कर दिया थो इसके अंदर सन 1972 में और ज्यादा Computer को जोड़ा गया थाइसके बाद सन 1974 में Arpanet को सभी सामान्य लोगो के लिए भी शुरू कर दिया गया, जिसे टेलनेट का नाम दिया गया। 

भारत में 14 August सन 1995 को Videsh Sanchar Nigam Limited (VSNL) द्वारा Internet Service को सभी सामान्य लोगो को के लिए शुरू किया था।

Working Of Internet:

यदि हम Google की वेबसाइट को अपने कंप्यूटर पर खोलना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में हमारा कंप्यूटर एक client की तरह काम करेगा वहीँ जिस system में गूगल वेबसाइट का data store हो वह सिस्टम सर्वर की तरह काम करेगा।जब हम web browser पर google.com डाल कर enter करेंगे तब हमारा कंप्यूटर यानी client गूगल के सर्वर को request send करेगी।इन्टरनेट पर भेजे गए request या messages एक साथ send नही होते, इन्हें अलग-अलग हिस्सों में बाँट दिया जाता है जिसे packets कहा जाता है फिर इन पैकेट्स को network के जरिये destination तक पहुँचाया जाता है और पहुँचने पर इन्हें फिर से जोड़ लिया जाता है।

Internet Requirement:-

Internet Equipment’s

  • पीसी (PC-Personal Computer)
  • माॅडेम (Modem)
  •  संचार माध्यम – टेलीफोन लाइन या
  • वायरलेस तकनीक
  • इंटरनेट साफ्टवेयर (वेब ब्राउसर)
  • इंटरनेट सर्विस प्रदाता (ISP=Internet Service Provider)

वेब ब्राउसर (Web Browser):

यह एक Application Software है जो वल्र्ड वाइड वेब (www) से सूचना तथा डाटा प्राप्त करने तथा उसे उपयोगकर्ता (Internet Equipment’s) के कम्प्यूटर पर प्रदर्षित करने का कार्य करता है।इसे वेब सर्च इंजन (web search engine) भी कहा जाता है।

कुछ प्रचलित वेब ब्राउसर हैं- .

  • Internet Explorer
  • Netscape Navigator
  • Mozilla Firefox

वेब सर्वर (Web Server):

वह कम्प्यूटर जो वेब पेज को भंडारित करता है तथा नेटवर्क से जुड़े अन्य कम्प्यूटरों के अनुरोध पर उन्हें वेब पेज उपलब्ध कराता है, वेब सर्वर कहलाता है।

माॅडेम (Modem): 

माॅडेम वह युक्ति है जो कम्प्यूटर के डिजिटल संकेतों (Digital Signals) को एनालाॅग संकेत में बदलकर संचार माध्यम पर भेजता है तथा आने वाले एनालाॅग संकेतों को डिजिटल संकेतों में बदलकर कम्प्यूटर के प्रयोग के योग्य बनाता है।

यूनीफार्म रिसोर्स लोकेटर (Uniform Resource Locator)

यह कम्प्यूटर नेटवर्क की व्यवस्था है जो बताता है कि वांछित सूचना कहां उपलब्ध है और उसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है। वल्र्ड वाइड वेब पर किसी वेब पेज का एड्रेसURL का उदाहरण है।

ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकाल/इंटरनेट प्रोटोकाल (TCP/IP)

इन दोनों सम्मिलित रूप से इंटरनेट प्रोटोकाल सूट (Internet Protocol Suite) कहा जाता है।
ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकाल (Transmission Control  Protocol ) का प्रयोग कर इंटरनेट पर दूरस्थ कम्प्यूटर के बीच संचार स्थापित किया जाता है। टीसीपी डाटा को पैकेट्स में विभाजित कर उन्हें भेजे जाने का रास्ता तय करता है। यह प्राप्त किए गए पैकेट्स को पुनः व्यवस्थित कर डाटा में परिवर्तित भी करता है। वल्र्ड वाइड वेब, ईमेल, फाइल ट्रांसफर आदि इसके कुछ व्यवहारिक उपयोग है।

इंटरनेट प्रोटोकाल (Internet Protocol) इंटरनेट पर संचार व्यवस्था सुनिश्चित करता है। इंटरनेट से जुड़े प्रत्येक कम्प्यूटर को एक विशेष अंकीय पता (Numerical Address) दिया जाता है जिसे आईपी एड्रेस (IP Address) कहा जाता है।
वर्तमान में Internet Protocol Version 6 (IPv6) का उपयोग किया जा रहा है जो 128 बिट एड्रेस का प्रयोग करता है।

World Wide Web:

वर्ल्ड वाइड वेब दुनियाभर के वेबसाइट के एड्रेस का कलेक्शन है। जिसके द्वारा HTML में बनाये गए विभिन्न प्रकार के document आपस में Hyperlink के माध्यम से जुड़े होते है। ये HTML डॉक्यूमेंट अर्थात web page में विभिन्न प्रकार के इमेज, टेक्स्ट, ऑडियो और विडियो फाइल से बने होते है। WWW के द्वारा इन्टरनेट में उपस्थित सभी वेबसाइट, वेब पेज और वेब एप्लीकेशन को एक्सेस किया जाता है.जब यूजर इन्टरनेट में वेबसाइट को सर्च करता है तब WWW यूजर के उस वेबसाइट तक पहुचाने का कार्य करता है

Web Server:

वेब सर्वर एक ऐसा कंप्यूटर सिस्टम या सॉफ्टवेयर होता है जो कि यूजर के अनुरोधों के अनुसार वेब पेज को यूजर तक पहुंचाता है. वेब सर्वर डेटा को यूजर तक पहुंचाने के लिए HTTP (Hypertext Transfer Protocol) का इस्तेमाल करते हैं.इंटरनेट पर जितनी भी वेबसाइट मौजूद हैं सभी का डेटा (टेक्स्ट, इमेज, विडियो, ऑडियो, फाइल आदि) किसी न किसी वेब सर्वर में स्टोर रहता है, जब यूजर अपने वेब ब्राउज़र पर किसी Particular URL को सर्च करता है तो यह Request सर्वर के पास चली जाती है और फिर वेब सर्वर उस URL से सम्बंधित वेबपेज को यूजर के सामने लाता है.

Web Portal:

यह एक प्रकार का वेबसाइट ही है जहाँ अलग-अलग sources से कई सारे सूचनाओं को एकत्रित कर एक single platform पर उपलब्ध कराया जाता है। यह एक प्रकार का विशेष रूप से डिजाईन किया गया वेबसाइट होता है जो किसी विशेष काम के लिए उपयोग होता है। आजकल लगभग हर बिज़नस या आर्गेनाइजेशन में पोर्टल की जरुरत होती है जिसमे वहां के employee को एक ही स्थान पर सारी जानकारियाँ मिल जातीं हैं।

उदाहरण के लिए किसी हॉस्पिटल के लिए एक patient portal बनाया जा सकता है। जिसपर वहां के डॉक्टर्स लॉग इन करके उस हॉस्पिटल के सारे मरीजों की जानकारी एक ही स्थान पर देख सकते हैं।

Website:

दो या दो से अधिक web page के collection को website कहते है। ये webpage आपस में एक दुसरे से link होते है अर्थात जुड़े होते है।वेबसाइट एक एड्रेस है जिसमे बहुत सारें वेब पेज को स्टोर करके रखा जाता है। ये वेब पेज विभिन्न प्रकार के इनफार्मेशन को स्टोर करके रखते है ये इनफार्मेशन text, ऑडियो, विडियो, इमेज और एनीमेशन के रूप में हो सकते है।

Web Address/URL:

URL इंटरनेट पर उपलब्ध संसाधन (Resource) का विशिष्ट पता है. इसे वेब एड्रेस भी कहते है. URL का पूरा नाम Uniform Resource Locator होता हैं. URL उपयोगकर्ता को वेबसाइट या संसाधन तक पहुंचने के लिए उपयोग होता है। यह एक प्रोटोकॉल (जैसे HTTP, HTTPS, FTP, आदि) के साथ एक सर्वर का नाम और वेबसाइट या संसाधन के लिए स्पष्ट पथ को संकेत करता है।

Web Page :

वेब पेज, वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) पर उपलब्ध एक सिंगल हाइपरटेक्स्ट डॉक्युमनेट है जो HTML Elements से बना होता है। यह यूजर को ब्राउज़र जैसे क्रोम, मोज़िला, फ़ायरफ़ॉक्स, आदि के माध्यम से प्रदर्शित होता है या एक्सेस किया जाता है। एक वेबपेज में टेक्स्ट, अन्य पेजों के लिंक, ग्राफिक्स, वीडियो, इमेज आदि हो सकते हैं और इसका उपयोग मुख्य रूप से टेक्स्ट, इमेज आदि के रूप में उपयोगकर्ता को जानकारी प्रदान करने के लिए किया जाता है।

Blogs:

Blog एक Internet में Publish की जाने वाली Informational website होती है जिस में किसी न किसी विषय के ऊपर जानकरी दी जाती है।

ब्लॉग में जानकरी देने के लिए हम अलग-अलग Blog Post लिखते है जिसे वेब पेज भी कहा जाता है। ये web pages word wide web में publish हो जाते है।

News Groups:

न्यूजग्रुप बहुत से संदेशों का एक समूह या संग्रह होता है,जो किसी विशेष कम्प्यूटर पर रखा जाता है। ऐसे कम्प्यूटर को न्यूज सर्वर (News Server) कहा जाता है। ये कम्प्यूटर कुछ कम्पनियों या इंटरनेट सेवा प्रदाताओं द्वारा नियंत्रित किये जाते हैं। ऐसे कम्प्यूटर पर हजारों न्यूजग्रुप होते हैं, जो विषयों के अनुसार बने होते हैं।आप अपनी रुचि के विषय के न्यूजग्रुप को ढूंढ सकते हैं।आप किसी भी न्यूजग्रुप में डाले गए संदेशों को पढ सकते हैं और उसमें अपना संदेश भी डाल सकते हैं।

Email:

Email का Full Form होता है Electronic mail। इसे लोग e-mail, email या Electronic Mail भी कहते हैं। यह एक प्रकार का digital message होता है जिसे की एक user दुसरे user के साथ communicate करने के लिए इस्तमाल करता है।इस email में text, files, images, या कोई attachments भी हो सकता है, जिसे की network के माध्यम से किसी specific individual या group of individuals को भेजा जा सकता है।

Internet Protocols:

ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकाल/इंटरनेट प्रोटोकाल (TCP/IP)

इन दोनों सम्मिलित रूप से इंटरनेट प्रोटोकाल सूट (Internet Protocol Suite) कहा जाता है।
ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकाल (Transmission Control  Protocol ) का प्रयोग कर इंटरनेट पर दूरस्थ कम्प्यूटर के बीच संचार स्थापित किया जाता है। टीसीपी डाटा को पैकेट्स में विभाजित कर उन्हें भेजे जाने का रास्ता तय करता है। यह प्राप्त किए गए पैकेट्स को पुनः व्यवस्थित कर डाटा में परिवर्तित भी करता है। वल्र्ड वाइड वेब, ईमेल, फाइल ट्रांसफर आदि इसके कुछ व्यवहारिक उपयोग है।

इंटरनेट प्रोटोकाल (Internet Protocol) इंटरनेट पर संचार व्यवस्था सुनिश्चित करता है। इंटरनेट से जुड़े प्रत्येक कम्प्यूटर को एक विशेष अंकीय पता (Numerical Address) दिया जाता है जिसे आईपी एड्रेस (IP Address) कहा जाता है।
वर्तमान में Internet Protocol Version 6 (IPv6) का उपयोग किया जा रहा है जो 128 बिट एड्रेस का प्रयोग करता है।

FTP:

FTP का पूरा नाम (File Transfer Protocol) है। यह एक एप्लीकेशन लेयर प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग फाइलों को एक सिस्टम से दुसरे सिस्टम में transfer करने के लिए किया जाता है।

FTP को TCP/IP के द्वारा develop किया गया है। इसे नियमो (rule) का समूह (set) भी कहा जाता है जो सिस्टम में फाइलों को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को control करता है।

इसका उपयोग करके यूजर सर्वर से फाइलों को download कर सकता है।

Telnet:

Telnet का पूरा नाम Terminal Network है. Telnet एक नेटवर्क प्रोटोकॉल है जिसका प्रयोग Internet या Local Area Network में remote computers को connect करने के लिए किया जाता है.

दूसरे शब्दों में कहें तो, “Telnet एक client-server protocol होता है। इसकी मदद से हम किसी network में एक computer से दूसरे computer को remotely access कर सकते है। “

Telnet (टेलनेट) किसी computer या host से connect करने के लिए TCP protocols का इस्तेमाल करता है. एक Host के port 23 पर Telnet service उपलब्ध रहती है.

टेलनेट के माध्यम से हम किसी host या computer के पास physically जाए बिना भी उससे information को access कर सकते है या programs को run करवा सकते है। इससे हमारा time भी बचता है और effort भी कम लगता है।

SMTP:-

SMTP का मतलब Simple Mail Transfer Protocol (सिंपल मेल ट्रांसफर प्रोटोकॉल) होता है। इसका इस्तेमाल सॉफ्टवेयर के द्वारा इंटरनेट पर ईमेल (email) को भेजने के लिए किया जाता है।

SMTP भी POP की तरह ही है इसका इस्तेमाल भी ईमेल भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है.

इस प्रोटोकॉल में बहुत से communication guidelines होते है जो ईमेल को ट्रांसफर करने में मदद करते है। इसमें हम वीडियो , चित्र , ऑडियो और ग्राफ़िक्स जैसे डेटा को भेज सकते है।

HTTP:

HTTP का पूरा नाम Hyper Text Transfer Protocol (हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल) है। यह एक प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग वर्ल्ड वाइड वेब (www) यानी कि इन्टरनेट में डेटा को एक्सेस करने के लिए किया जाता है।

यह प्रोटोकॉल डेटा को प्लेन टेक्स्ट, हाइपरटेक्स्ट, ऑडियो, वीडियो आदि के रूप में ट्रांसफर करता है। यह FTP के समान होता है क्योंकि यह फ़ाइलों को एक होस्ट से दूसरे होस्ट में ट्रांसफर करता है। और FTP भी यही काम करता है।

POP3:

(Post Office Protocol Version 3): यह प्रोटोकॉल का सबसे Latest Version है और इसका उपयोग Server से Client Computer या Mobile Device पर Email Message को Download करने के लिए किया जाता है। यह Email Retrieve के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है POP3 का मुख्य लाभ यह है कि यह Email Client को Message को Download करने के बाद Server से हटाने की अनुमति देता है, जो Server Storage Space को संरक्षित करने में मदद करता है।

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