HBSE Unit 2-Communication Technology

HBSE Unit 2-Communication Technology

Hello Friends! Today we will learn about Communication Technology. It will cover the syllabus of Haryana Board HBSE Class 10. Read the complete page for better understanding of Communication Technology. It is very easy to learn and understanding all the concepts of communication technology in this page.

कम्प्यूटर नेटवर्क क्या है?- Introduction of Computer Network

दो या दो से अधिक परस्पर जुड़े हुए कम्प्यूटर या अन्य डिजिटल युक्तियों और उन्हें जोडने वाली व्यवस्था को कम्प्यूटर नेटवर्क कहते हैं। ये कंप्यूटर आपस में इलेक्ट्रोनिक सूचना का आदान-प्रदान क‍र सकते हैं और आपस में तार या बेतार से जुडे रहते हैं।

कंप्यूटर नेटवर्क की क्या आवश्यकता हैं –Needs of Computer Networks

आज कल Life के हर क्षेत्र में Computer का प्रयोग होता है सभी Organization में बहुत सारे  Computer day-to-day work के लिए प्रयोग किये जाते हैं Network को Different प्रकार के उद्देश्य  के लिए प्रयोग किया  जाता है|

1- To Share Computer Files (कंप्यूटर फाइलों को शेयर करने के लिए)

2- To share Hardware Device (हार्डवेयर डिवाइस को शेयर करने के लिए)

3- Application sharing (एप्लीकेशन को शेयर करने के लिए)

4- Communication (कम्युनिकेशन के लिए)

5- Gaming (गेम खेलने के लिए)

कंप्यूटर नेटवर्क के प्रकार –Types of Computer Network:

Computer network को तीन भागो में बांटा गया है :-

1. LAN (Local Area Network)

किसी भी संस्था का लोकल network या Small area के network को LAN network कहते है जैसे की School, campus Hospital का network | Local area network  बहुत High Speed Network होता है.

2. MAN (Metropolitan Area Network)

जब किसी एक ही शहर में किसी office या स्कूल की दो अलग अलग LAN network को मिलाकर जो network बनाया जाता है उसे MAN network कहा जाता है |इस network का प्रयोग  TV Cables Operator और  Local Corporation के द्वारा ज्यादा किया जाता है |

3. WAN (Wide Area Network)

WAN network बहुत बड़ा Geographical Area cover करते है इसमे कई LAN network आपस में connect होते है इस network को WAN Network कहा जाता है. यह Global network होता है इससे अलग अलग देशो के network आपस में connect होते है.

4. PAN( Personal Area Network)

व्यक्तिगत क्षेत्र नेटवर्क (personal area network) एक कंप्यूटर नेटवर्क है जो कंप्यूटर, टेलीफ़ोन, टैबलेट, व्यक्तिगत डिजिटल सहायक, फ़ैक्स मशीन और प्रिंटर जैसे डिवाइसों के बीच डेटा ट्रांसमिशन के लिए उपयोग किया जाता है, जो एक उपयोगकर्ता के नजदीक स्थित होते हैं.

ट्रांसमिशन मीडिया — Transmission Media

ट्रांसमिशन मीडिया data को sender से receiver तक पहुचाने का एक माध्यम है यह माध्यम wired भी हो सकती है और wireless भी हो सकती है.

ट्रांसमिशन मीडिया के प्रकार (Types of Transmission Media)

1. Guided Media क्या है – Guided transmission media

Guided Media का मतलब Wired या bounded media। मतलब इस media में Wired के जरिए डाटा या signal को destination में send करा जाता है। और इस Guided Media का इस 3 major types है –

(a) Twisted Pair Cable

(b) Coaxial Cable

(c) Optical Fiber Cable

(a) Twisted Pair cable:

Wired media के पहला types है Twisted Pair Cable। Twist का मतलब ही होता है मोड़। इस cable के अंदर दो अलग अलग wires एक दूसरे के साथ twisted करके रहता है, जिसको pair कहा जाता है।यह cable color coded होती है जिससे इन्हें आसानी से पहचाना जा सके.

ट्विस्टेड पेअर केबल के प्रमुखतः दो प्रकार है :

  1. Unshielded Twister Pair Cable
  2. Shielded Twister Pair Cable

(b) Coaxial Cable:

Coaxial cable एक copper की cable होती है जिसके ऊपर एक insulator की परत होती है और ऊपरी सतह पर copper mesh होता है, इसका मध्य भाग non conductive cover से बना होता है जो inner conductor को outer conductor से अलग रखता है.

इसका मध्य भाग data transfer के लिए जिम्मेदार होता है और copper mesh, EMI (electromagnetic interference) होने से बचाता है.

coaxial cable का उपयोग सबसे अधिक TV और BUS Topology में किया जाता है, यह twisted pair cable की तुलना में coaxial cable, की frequency high होती है.

(c) Optical Fiber Cable:

Optical fibre cable में plastic या glass से बनी cable में light reflection का उपयोग किया जाता है, जिसका core पतली glass या प्लास्टिक से ढकी होती है जिसे cladding कहते हैं, इसके ऊपर प्लास्टिक की एक protective coating होती है जिसे jacket कहते हैं जो इसे प्रोटेक्ट करती है.

इसका उपयोग अधिक मात्रा में data transmission बड़ी तेजी से करने के लिए किया जाता है.

2.Unguided Media:

Unguided या wireless transmission media में दो devices के बीच कोई physical connection नहीं होता है, यह wireless signal के द्वारा एक दुसरे से जुड़े रहते हैं, इसलिए इसे wireless transmission कहा जाता है.wireless signal, air में suitable antenna द्वारा transmit और receive किये जाते हैं.

(a) Radio Wave:

जो electromagnetic waves या डाटा को signal की आकार में free space में send करने का काम करता है।

इनकी आवृत्ति 3KHz से 1GHz तक होती है. इन्हें आसानी से स्थापित किया जा सकता है तथा इनका एटेनुऐशन भी उच्च होता है. रेडियो तरंगे ज्यादातर omnidirectional होती है. जब एक antenna रेडियो तरंगों को ट्रांसमिट करता है तो ये सभी दिशाओं में फैल जाते है.

रेडियो तरंगों का प्रयोग टेलीविज़न, मोबाइल तथा रेडियो के communication में होता है. 

(b) Microwave Transmission:

Microwaves एक unidirectional connection होता है, जिसके कारण signal transmit और receive करने वाले antenna का एक सीध में रहना आवश्यक होता है.

Signal की दूरी antenna के ऊंचाई (height) पर निर्भर करती है, इसकी frequency 1GHz से 300GHz  तक होती है.

यह TV और Mobile phone communication के लिए उपयोग की जाती है.

(c) Infrared:

infrared waves (IR) को बहुत छोटी दुरी के लिए उपयोग किया जाता है।यह media बाधाओं के माध्यम से प्रवेश नहीं कर सकते। इसकी frequency 300GHz से लेकर 400THz के बीच होती है.

यह Waves, TV Remote, Wireless keyboard, Mouse, Printer आदि में उपयोग की जाती है.

Wi-Fi:-

Wifi का पूरा नाम wireless fidelity (वायरलेस फिडेलिटी) है. वाईफाई एक वायरलेस नेटवर्क तकनीक है जो कि कंप्यूटर तथा अन्य डिवाइसों को वायरलेस सिग्नल से कम्यूनिकेट करता है.

Wi fi एक ऐसी तकनीक है जो कि रेडियो तरंगों का प्रयोग करके इन्टरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध करवाती है. तथा इसके द्वारा हमें डिवाइसों में इन्टरनेट का प्रयोग करने के लिए वायर केबल की आवश्यकता नहीं होती है.

Wi fi में इन्टरनेट कनेक्टिविटी का प्रयोग करने के लिए hotspot (हॉटस्पॉट) क्षेत्र का निर्माण करना पड़ता है तथा यह hotspot क्षेत्र वायरलेस adapter का प्रयोग करके बनाये जाते है.

वाईफाई का मुख्य लाभ यह है कि यह सभी एडवांस ऑपरेटिंग सिस्टम, डिवाइस, तथा प्रिंटर के साथ compatible (अनुकूल) होता है.

Bluetooth:

Cloud Computing:

Cloud Computing एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसमें data और program को इंटरनेट में स्टोर और एक्सेस किया जाता है.क्लाउड कंप्यूटिंग के द्वारा हम अपने data को cloud में स्टोर कर सकते हैं.क्लाउड कंप्यूटिंग के उदाहरण हैं:- Google cloud, Amazon aws और Microsoft azure आदि.

Types of Cloud Computing:

1- Public Cloud:

पब्लिक क्लाउड वह क्लाउड होते है जो यूजर को इंटरनेट पर क्लाउड सेवाएं प्रदान करते है।Public Cloud का इस्तेमाल कोई भी व्यक्ति इंटरनेट की मदद से कर सकता है. इसमें कोई भी व्यक्ति data को स्टोर और एक्सेस कर सकता है.पब्लिक क्लाउड में pay-per-use के हिसाब से पैसे देने पड़ते है अर्थात् इसका आप जितना इस्तेमाल करते हैं आप को उतने ही पैसे देने पड़ते है.पब्लिक क्लाउड के उदाहरण – IBM Smart Cloud Enterprise, Microsoft, Google App Engine, और Windows Azure Services Platform आदि.

2.Private Cloud:

  • प्राइवेट क्लाउड वह होते है जो प्राइवेट इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करते है। इसे internal या corporate cloud के नाम से भी जाना जाता है।
  • प्राइवेट क्लाउड वे क्लाउड होते है जिनका इस्तेमाल प्राइवेट कंपनी के द्वारा किया जाता है। प्राइवेट क्लाउड का इस्तेमाल कंपनी के द्वारा डेटा को मैनेज करने और अपने डेटा सेंटर बनाने के लिए किया जाता है।
  • Private cloud की सुरक्षा बहुत ही अधिक होती है इसमें firewall का इस्तेमाल data को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है।
  • इस क्लाउड को यूजर के द्वारा मैनेज किया जाता है और इसको क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर कोई सेवाएं प्रदान नहीं करते।

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